म्यूचुअल फंड्स, एसआईपी और गोल्ड सेविंग प्लान्स के जरिए पैसा बचाने के स्मार्ट तरीके
आज के समय में वित्तीय स्थिरता के लिए सही निवेश रणनीति आवश्यक है। म्यूचुअल फंड्स, एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान), और गोल्ड सेविंग प्लान्स उन उपायों में शामिल हैं, जो आपको धन बचाने और भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं। इस लेख में हम म्यूचुअल फंड्स का इतिहास, उनका महत्व, एसआईपी और गोल्ड प्लान्स की भूमिका, और करियर के अवसरों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
म्यूचुअल फंड्स का इतिहास और महत्व
म्यूचुअल फंड्स की शुरुआत 18वीं सदी में यूरोप में हुई थी। भारत में, इसकी यात्रा 1963 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) से शुरू हुई। 1990 के दशक में निजी और विदेशी संस्थानों के प्रवेश के बाद यह क्षेत्र तेजी से विकसित हुआ। आज, म्यूचुअल फंड्स व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बन चुके हैं।
महत्व:
म्यूचुअल फंड्स क्या हैं?
म्यूचुअल फंड्स एक सामूहिक निवेश योजना है, जिसमें कई निवेशकों से धन एकत्रित कर इसे शेयर बाजार, बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़, और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश किया जाता है। इस धन का प्रबंधन एक विशेषज्ञ फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है, जिसका उद्देश्य निवेशकों को अधिकतम रिटर्न प्रदान करना होता है।
म्यूचुअल फंड्स कैसे काम करते हैं?
म्यूचुअल फंड्स में निवेश के फायदे
म्यूचुअल फंड्स किनके लिए हैं?
म्यूचुअल फंड्स के प्रकार और उनके फायदे
SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) क्या है?
SIP यानी सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, म्यूचुअल फंड्स में निवेश का एक सुविधाजनक और अनुशासित तरीका है। इसमें आप नियमित अंतराल (मासिक, त्रैमासिक आदि) पर एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। SIP निवेशकों को छोटे-छोटे निवेश के माध्यम से लंबी अवधि में बड़ा धन संचय करने में मदद करता है।
SIP कैसे काम करता है?
SIP के फायदे
1. रुपया लागत औसतकरण (Rupee Cost Averaging):
SIP के प्रकार
SIP क्यों जरूरी है?
SIP और म्यूचुअल फंड्स का संबंध
SIP म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। यह निवेशकों को बाजार की तकनीकी जानकारी के बिना भी धन संचय का मौका देता है।
SIP उन लोगों के लिए एक आदर्श निवेश विकल्प है, जो छोटे-छोटे कदमों के साथ अपने बड़े वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करना चाहते हैं।
"हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करें और समय के साथ बड़ा धन संचित करें। SIP आपके सपनों को हकीकत में बदल सकता है।"
गोल्ड सेविंग प्लान्स और उनकी बचत में भूमिका
गोल्ड सेविंग क्या है?
गोल्ड सेविंग सोने में निवेश का एक तरीका है, जिसमें आप अपनी बचत का एक हिस्सा सोने में लगाते हैं। यह निवेश भौतिक सोने (जैसे गहने, सिक्के) के साथ-साथ डिजिटल माध्यमों (जैसे गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स, या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स) में किया जा सकता है।
गोल्ड सेविंग प्लान्स लंबे समय से एक सुरक्षित और प्रभावी निवेश विकल्प माने जाते हैं, क्योंकि सोने की कीमतें समय के साथ बढ़ती हैं और यह महंगाई से बचाव का एक प्रमुख साधन है।
गोल्ड सेविंग की महत्वपूर्ण विशेषताएं
गोल्ड सेविंग का पैसा बचाने में महत्व
गोल्ड सेविंग के तरीके
गोल्ड सेविंग के फायदे
गोल्ड सेविंग क्यों जरूरी है?
गोल्ड सेविंग, पैसे बचाने और भविष्य के लिए सुरक्षा प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह निवेशकों को स्थिरता, सुरक्षा और मुद्रास्फीति से बचाव प्रदान करता है। भौतिक सोने से लेकर डिजिटल माध्यमों तक, गोल्ड सेविंग के विभिन्न विकल्प आज के समय में हर निवेशक की जरूरतों को पूरा करते हैं।
"सोने में निवेश, न केवल एक परंपरा है, बल्कि एक सुरक्षित भविष्य की नींव भी है।"
बैंकों और वित्तीय संस्थानों के म्यूचुअल फंड्स प्लान्स
प्रमुख संस्थान:
म्यूचुअल फंड्स में करियर के अवसर
प्रमुख पद:
शुरुआती स्तर पर ₹3-6 लाख प्रति वर्ष। अनुभव के साथ ₹10-50 लाख तक
म्यूचुअल फंड्स में प्रवेश के लिए परीक्षाएं
ऑल इंडिया लेवल परीक्षाएं:
तैयारी के लिए स्रोत और अध्ययन सामग्री
म्यूचुअल फंड्स: धन बचाने का भविष्य
म्यूचुअल फंड्स, एसआईपी और गोल्ड प्लान्स न केवल आपके धन को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि इसे बढ़ाने का भी शानदार माध्यम हैं। यह निवेशकों को उनकी बचत को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करते हैं।
प्रेरणा:
"सही निवेश से आपका आज और कल दोनों सुरक्षित हो सकता है। म्यूचुअल फंड्स न केवल निवेश है, बल्कि यह एक नई शुरुआत है।"
आज के समय में वित्तीय स्थिरता के लिए सही निवेश रणनीति आवश्यक है। म्यूचुअल फंड्स, एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान), और गोल्ड सेविंग प्लान्स उन उपायों में शामिल हैं, जो आपको धन बचाने और भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं। इस लेख में हम म्यूचुअल फंड्स का इतिहास, उनका महत्व, एसआईपी और गोल्ड प्लान्स की भूमिका, और करियर के अवसरों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
म्यूचुअल फंड्स का इतिहास और महत्व
म्यूचुअल फंड्स की शुरुआत 18वीं सदी में यूरोप में हुई थी। भारत में, इसकी यात्रा 1963 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) से शुरू हुई। 1990 के दशक में निजी और विदेशी संस्थानों के प्रवेश के बाद यह क्षेत्र तेजी से विकसित हुआ। आज, म्यूचुअल फंड्स व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बन चुके हैं।
महत्व:
- विविधता (Diversification): म्यूचुअल फंड्स विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश करके जोखिम कम करते हैं।
- सुलभता: ₹500 जैसी छोटी राशि से निवेश शुरू किया जा सकता है।
- पारदर्शिता: सेबी (SEBI) द्वारा विनियमित, यह निवेशकों को पारदर्शिता प्रदान करता है।
- लचीलापन: निवेशक अपनी जरूरत के अनुसार फंड्स बदल सकते हैं।
म्यूचुअल फंड्स क्या हैं?
म्यूचुअल फंड्स एक सामूहिक निवेश योजना है, जिसमें कई निवेशकों से धन एकत्रित कर इसे शेयर बाजार, बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़, और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश किया जाता है। इस धन का प्रबंधन एक विशेषज्ञ फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है, जिसका उद्देश्य निवेशकों को अधिकतम रिटर्न प्रदान करना होता है।
म्यूचुअल फंड्स कैसे काम करते हैं?
- निवेशक म्यूचुअल फंड्स कंपनी (AMC) को अपनी राशि प्रदान करते हैं।
- फंड मैनेजर इस राशि को विभिन्न निवेश विकल्पों (जैसे शेयर, बॉन्ड, आदि) में लगाते हैं।
- निवेशक को यूनिट्स आवंटित की जाती हैं, जो उनके निवेश के हिस्से का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- फंड के प्रदर्शन के आधार पर निवेशक को लाभ (रिटर्न) प्राप्त होता है।
म्यूचुअल फंड्स में निवेश के फायदे
- विविधीकरण:
एक साथ कई परिसंपत्तियों में निवेश, जिससे जोखिम कम होता है। - पेशेवर प्रबंधन:
विशेषज्ञ फंड मैनेजर आपके पैसे का प्रबंधन करते हैं। - सुलभता:
छोटी राशि (₹500 या ₹1000) से निवेश शुरू किया जा सकता है। - पारदर्शिता:
फंड के प्रदर्शन और खर्च की नियमित जानकारी प्रदान की जाती है। - लिक्विडिटी:
ओपन-एंडेड फंड्स में आप कभी भी पैसे निकाल सकते हैं। - टैक्स लाभ:
ELSS फंड्स में निवेश करने पर टैक्स छूट मिलती है।
म्यूचुअल फंड्स किनके लिए हैं?
- शुरुआती निवेशक: जो कम जोखिम के साथ निवेश शुरू करना चाहते हैं।
- लंबी अवधि के निवेशक: जो धन वृद्धि के लिए लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं।
- वित्तीय लक्ष्य हासिल करने वाले: जैसे बच्चों की शिक्षा, रिटायरमेंट, या घर खरीदने के लिए बचत।
म्यूचुअल फंड्स के प्रकार और उनके फायदे
- इक्विटी फंड्स:
शेयर बाजार में निवेश करते हैं और उच्च रिटर्न की संभावना प्रदान करते हैं।- उदाहरण: लार्ज-कैप, मिड-कैप, स्मॉल-कैप फंड।
- डेट फंड्स:
सरकारी बॉन्ड और फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश।- उदाहरण: लिक्विड फंड्स, गिल्ट फंड्स।
- हाइब्रिड फंड्स:
इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करके स्थिरता और ग्रोथ का संतुलन बनाते हैं। - गोल्ड फंड्स:
सोने में निवेश करने का डिजिटल माध्यम। - टैक्स सेविंग फंड्स (ELSS):
निवेशकों को आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट प्रदान करते हैं।
- धन वृद्धि।
- जोखिम का प्रबंधन।
- वित्तीय लक्ष्य हासिल करने में मदद।
SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) क्या है?
SIP यानी सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, म्यूचुअल फंड्स में निवेश का एक सुविधाजनक और अनुशासित तरीका है। इसमें आप नियमित अंतराल (मासिक, त्रैमासिक आदि) पर एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। SIP निवेशकों को छोटे-छोटे निवेश के माध्यम से लंबी अवधि में बड़ा धन संचय करने में मदद करता है।
SIP कैसे काम करता है?
- निवेशक अपनी पसंद के म्यूचुअल फंड में SIP शुरू करता है।
- प्रत्येक निवेश के साथ फंड में आपको यूनिट्स आवंटित की जाती हैं।
- बाजार में उतार-चढ़ाव के आधार पर यूनिट्स की कीमत (NAV) बदलती रहती है।
- समय के साथ, आपके निवेश का मूल्य बढ़ता है और चक्रवृद्धि ब्याज (compounding) का लाभ मिलता है।
SIP के फायदे
1. रुपया लागत औसतकरण (Rupee Cost Averaging):
- बाजार में उतार-चढ़ाव के समय भी SIP फायदेमंद रहता है।
- जब बाजार नीचे होता है, तो आपको अधिक यूनिट्स मिलती हैं और जब ऊपर होता है, तो यूनिट्स का मूल्य बढ़ता है।
- SIP को ₹500 या ₹1000 जैसी छोटी राशि से शुरू किया जा सकता है।
- नियमित और दीर्घकालिक निवेश से ब्याज पर ब्याज मिलता है, जिससे धन तेजी से बढ़ता है।
- SIP आपके निवेश में नियमितता लाता है, जिससे वित्तीय लक्ष्य हासिल करना आसान होता है।
- आप अपनी राशि बढ़ा या घटा सकते हैं, और जरूरत पड़ने पर SIP रोक भी सकते हैं।
SIP के प्रकार
- मासिक SIP: हर महीने एक निश्चित राशि निवेश की जाती है।
- त्रैमासिक SIP: हर तीन महीने में एक निश्चित राशि निवेश।
- लचीला SIP: निवेशक अपनी सहूलियत के अनुसार निवेश की राशि बदल सकता है।
- टॉप-अप SIP: समय के साथ SIP की राशि बढ़ाने का विकल्प।
SIP क्यों जरूरी है?
- लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए: जैसे बच्चों की शिक्षा, घर खरीदना या रिटायरमेंट प्लानिंग।
- जोखिम में कमी: नियमित निवेश जोखिम को कम करता है।
- आर्थिक स्वतंत्रता: यह आपकी बचत को अनुशासित तरीके से निवेश में बदलता है।
SIP और म्यूचुअल फंड्स का संबंध
SIP म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। यह निवेशकों को बाजार की तकनीकी जानकारी के बिना भी धन संचय का मौका देता है।
SIP उन लोगों के लिए एक आदर्श निवेश विकल्प है, जो छोटे-छोटे कदमों के साथ अपने बड़े वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करना चाहते हैं।
"हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करें और समय के साथ बड़ा धन संचित करें। SIP आपके सपनों को हकीकत में बदल सकता है।"
गोल्ड सेविंग प्लान्स और उनकी बचत में भूमिका
गोल्ड सेविंग क्या है?
गोल्ड सेविंग सोने में निवेश का एक तरीका है, जिसमें आप अपनी बचत का एक हिस्सा सोने में लगाते हैं। यह निवेश भौतिक सोने (जैसे गहने, सिक्के) के साथ-साथ डिजिटल माध्यमों (जैसे गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स, या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स) में किया जा सकता है।
गोल्ड सेविंग प्लान्स लंबे समय से एक सुरक्षित और प्रभावी निवेश विकल्प माने जाते हैं, क्योंकि सोने की कीमतें समय के साथ बढ़ती हैं और यह महंगाई से बचाव का एक प्रमुख साधन है।
गोल्ड सेविंग की महत्वपूर्ण विशेषताएं
- डिजिटल और भौतिक विकल्प:
- निवेशक भौतिक सोना (जैसे गहने, बार, सिक्के) खरीद सकते हैं।
- डिजिटल माध्यमों में गोल्ड ईटीएफ, म्यूचुअल फंड्स, और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स के जरिए निवेश कर सकते हैं।
- कम जोखिम:
- सोने में निवेश जोखिम को कम करता है, क्योंकि इसकी कीमतें आमतौर पर स्थिर रहती हैं।
- पारदर्शिता:
- डिजिटल गोल्ड सेविंग के माध्यम से आप अपनी निवेश राशि को ट्रैक कर सकते हैं।
- लिक्विडिटी:
- सोने को आसानी से बेचा या खरीदा जा सकता है।
गोल्ड सेविंग का पैसा बचाने में महत्व
- महंगाई से सुरक्षा:
सोना एक ऐसी संपत्ति है, जिसकी कीमत समय के साथ बढ़ती है। यह महंगाई के प्रभाव को संतुलित करने में मदद करता है। - सुरक्षित निवेश:
जब बाजार अस्थिर हो, तो सोने में निवेश सुरक्षित माना जाता है। - पोर्टफोलियो में विविधता:
सोना आपके निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाता है और जोखिम को कम करता है। - आपातकालीन उपयोग:
सोना जल्दी नकदी में बदला जा सकता है, जिससे यह संकट के समय सहायक होता है। - लंबी अवधि की धन वृद्धि:
सोने की कीमतें ऐतिहासिक रूप से समय के साथ बढ़ी हैं, जिससे यह बचत और संपत्ति वृद्धि का एक अच्छा माध्यम है।
गोल्ड सेविंग के तरीके
- भौतिक सोना:
- गहने, बार और सिक्के।
- जोखिम: चोरी का खतरा और स्टोरेज की समस्या।
- डिजिटल गोल्ड:
- आप मोबाइल ऐप्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से सोना खरीद सकते हैं।
- सुविधाजनक और सुरक्षित।
- गोल्ड ईटीएफ (Exchange Traded Funds):
- स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदा-बेचा जाने वाला डिजिटल सोना।
- कम लागत और अधिक पारदर्शिता।
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs):
- सरकारी बांड जो सोने में निवेश का विकल्प देते हैं।
- ब्याज के साथ पूंजी सराहना का लाभ।
- गोल्ड म्यूचुअल फंड्स:
- म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से सोने में निवेश।
गोल्ड सेविंग के फायदे
- सुरक्षा और स्थिरता:
सोना एक स्थायी संपत्ति है जो आर्थिक संकट के समय भी सुरक्षित रहती है। - कर लाभ (Tax Benefits):
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स में निवेश पर पूंजीगत लाभ कर नहीं लगता। - पारंपरिक और आधुनिक विकल्प:
सोने में निवेश पारंपरिक रूप से विश्वसनीय रहा है और अब डिजिटल रूप में भी उपलब्ध है।
गोल्ड सेविंग क्यों जरूरी है?
- वित्तीय सुरक्षा:
सोना एक ऐसा निवेश है जो बाजार के जोखिमों से स्वतंत्र होता है। - अंतरराष्ट्रीय मुद्रा:
सोना हर जगह मान्य है और इसे आसानी से बेचा जा सकता है। - विरासत:
पारंपरिक रूप से, सोने को पीढ़ियों तक सुरक्षित रखा जाता है।
गोल्ड सेविंग, पैसे बचाने और भविष्य के लिए सुरक्षा प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह निवेशकों को स्थिरता, सुरक्षा और मुद्रास्फीति से बचाव प्रदान करता है। भौतिक सोने से लेकर डिजिटल माध्यमों तक, गोल्ड सेविंग के विभिन्न विकल्प आज के समय में हर निवेशक की जरूरतों को पूरा करते हैं।
"सोने में निवेश, न केवल एक परंपरा है, बल्कि एक सुरक्षित भविष्य की नींव भी है।"
बैंकों और वित्तीय संस्थानों के म्यूचुअल फंड्स प्लान्स
प्रमुख संस्थान:
- बैंक: एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक।
- एएमसी (AMCs): मिराए एसेट्स, आदित्य बिड़ला, निप्पॉन इंडिया।
- एसआईपी।
- टैक्स सेविंग प्लान।
- रिटायरमेंट और चिल्ड्रन एजुकेशन प्लान।
म्यूचुअल फंड्स में करियर के अवसर
प्रमुख पद:
- फंड मैनेजर
- इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट
- रिसर्च एसोसिएट्स
- सेल्स और मार्केटिंग प्रोफेशनल्स
- कस्टमर रिलेशन एग्जीक्यूटिव
शुरुआती स्तर पर ₹3-6 लाख प्रति वर्ष। अनुभव के साथ ₹10-50 लाख तक
म्यूचुअल फंड्स में प्रवेश के लिए परीक्षाएं
ऑल इंडिया लेवल परीक्षाएं:
- एनआईएसएम (NISM):
- AMFI प्रमाणपत्र के लिए आवश्यक
- विषय: फंडामेंटल्स ऑफ म्यूचुअल फंड्स
- सीएफए (CFA):
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त
- तीन स्तरों में आयोजित
- प्रश्न प्रकार: मल्टीपल चॉइस
- अंक: 100-200
- विषय: वित्तीय बाजार, निवेश प्रबंधन
- समय: 2-3 घंटे
तैयारी के लिए स्रोत और अध्ययन सामग्री
- ऑनलाइन पोर्टल्स:
- Zerodha Varsity
- Investopedia
- प्रमुख पुस्तकें:
- द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर - बेंजामिन ग्राहम
- रिच डैड पुअर डैड - रॉबर्ट कियोसाकी
- ट्रेनिंग संस्थान:
- NSE Academy
- IIFM (Indian Institute of Financial Markets)
म्यूचुअल फंड्स: धन बचाने का भविष्य
म्यूचुअल फंड्स, एसआईपी और गोल्ड प्लान्स न केवल आपके धन को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि इसे बढ़ाने का भी शानदार माध्यम हैं। यह निवेशकों को उनकी बचत को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करते हैं।
प्रेरणा:
"सही निवेश से आपका आज और कल दोनों सुरक्षित हो सकता है। म्यूचुअल फंड्स न केवल निवेश है, बल्कि यह एक नई शुरुआत है।"
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